मंगलवार, 9 मार्च 2010

रूठना मनाना तो चलता .......................

रूठना मनाना तो चलता रहेगा |
तेरा दर्द-ए-दिल निकलता रहेगा ||

मिले है मिलेंगे दो दिल दीवाने |
जमाना यूँ ही हाथ मलता रहेगा ||

मेरा दिल दीवाना बन के तमन्ना |
तेरी बाजुओं में मचलता रहेगा ||

करोगे जो वादे निभा ना सकोगे |
बहनों में दम यूँ ही घुटता रहेगा ||

लगा के इन्सान चहरे पे चेहरे |
दुनियाँ को यूँ ही छलता रहेगा ||

14 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

हर रंग को आपने बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

लगा के इन्सान चहरे पे चेहरे
दुनियाँ को यूँ ही छलता रहेगा

इंसान की फ़ितरत को बहुत अच्छा परखा है ... लाजवाब शेर है ....

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत सुन्दर गज़ल. बधाई.

Unknown ने कहा…

शब्दों का अनूठा संगम,अच्छी गज़ल.
विकास पाण्डेय
www.विचारो का दर्पण.blogspot.com

रवि धवन ने कहा…

बढिय़ा रचना. मजेदार

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

pushpendra bhai,
sbahd nahi mil rahey hain vyakhyaan karne ke liye, aap to mahaarathi hai bhai...
kya qatal rachna likhi hai....
mazaa aa gaya padh ke bhai..

keep writing.

Unknown ने कहा…

bahut achha likha hai.

मनोज कुमार ने कहा…

ग़ज़ल क़ाबिले-तारीफ़ है।

वीनस केसरी ने कहा…

लगा के इन्सान चहरे पे चेहरे |
दुनियाँ को यूँ ही छलता रहेगा

बहुत खूब

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

bahut hi khoobsurat gazal.
poonam

kshama ने कहा…

लगा के इन्सान चहरे पे चेहरे |
दुनियाँ को यूँ ही छलता रहेगा ||
Sundar alfaaz aur bhavon se saji rachana!

Pawan Kumar ने कहा…

अब रंगत बढती जा रही है.......ख़याल को शेरी तहज़ीब में ढाल देने- पिरो डालने में जो कुव्वत चाहिए वो अब दिखने लगी है........वाह जी वाह क्या खूब लिखा है.............

करोगे जो वादे निभा ना सकोगे |
बहनों* में दम यूँ ही घुटता रहेगा || ( बहानों)

लगा के इन्सान चहरे पे चेहरे |
दुनियाँ को यूँ ही छलता रहेगा ||
मुक़र्रर ...........!

my blog ने कहा…

lajbab ...............
मेरा दिल दीवाना बन के तमन्ना |
तेरी बाजुओं में मचलता रहेगा ||
wah...wah.............
लगा के इन्सान चहरे पे चेहरे |
दुनियाँ को यूँ ही छलता रहेगा ||
dhanyavad

Unknown ने कहा…

शानदार शेर दोस्त
मिले है मिलेंगे दो दिल दीवाने |
जमाना यूँ ही हाथ मलता रहेगा ||
मज़ा अगया सोई हुई दीवानगी
जगा दी अपने |

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