सोमवार, 29 मार्च 2010

नये ब्लोगर का करें स्वागत ....................पंकज सिंह


नये ब्लोगर का करें स्वागत ....................पंकज सिंह
आज से ब्लॉग जगत में एक और महान हस्ती का पदार्पण हो रहा है
श्री पंकज कुमार सिंह ब्लॉग जगत में ये नाम भले ही नया हो परन्तु
मिडिया के क्षेत्र में ये नाम बहुत जाना पहचाना है और अपना विशिष्ट स्थान रखता है
मीडिया के क्षेत्र से श्री सिंह 1993 से कार्य रत है और सम्पादकीय लिखते रहे है
पत्र पत्रिकाओं में कहानियां एवं अन्य स्तम्भ लिखे है
पंकज जी खेलों के मर्मज्ञ है और खेल प्रष्ठ पर इनके
लेख प्रकाशित होते रहे है पंकज जी मैनुरी जिले के निवासी है और बहुमुखी प्रतिभा
के धनी है और इस समय सिविल सेवा में कार्यरत है
आज बहुत खुशी का दिन है क्योंकि कि हमारे ब्लॉग जगत में एक और बेहतरीन लेखक
का पदार्पण हो रहा है
तो आइये हम सब मिल कर उनका स्वागत करें......................

www.pkstiger.blogspot.com

शुक्रवार, 19 मार्च 2010

धूल समझ के

धूल समझ के किसने उड़ा दिया मुझको |
में तो ठहरा था किसने जगा दिया मुझको||

बात इतनी सी मै जुबाँ से कैसे कहूँ |
तेरे ही जैसा था जिसने दगा दिया मुझको ||

मैंने पी थी बहुत मगर कभी नशे में न था |
तू ने आँखों से क्या पिला दिया मुझको ||

तेरे वस्ल की कीमत में उस समय समझा |
जब हाथ हिला के विदा किया मुझको ||

तेरा अहसान में समझूँ तो किस तरह समझूँ |
अपने ही रंग में हर रंग दिखा दिया मुझको ||

शुक्रवार, 12 मार्च 2010

दिलजलों से दिल लगाना चाहिए

दिलजलों से दिल लगाना चाहिए |
गिर गया उसको उठाना चाहिए ||

इंसानियत का यही उसूल है |
वादा कर के निभाना चाहिए ||

टूटती हर मजहब की दीवार हो |
अमन का ऐसा जमाना चाहिए ||

नेक करने का इरादा जो बने |
अहम का रावण जलाना चाहिए ||

वक़्त निकले जो इबादत के लिए
दर्द सब का बंटाना चाहिए ||

दूटने की आहट न आह की आवाज हो |
दर्द को ऐसा दीवाना चाहिए ||

मंगलवार, 9 मार्च 2010

रूठना मनाना तो चलता .......................

रूठना मनाना तो चलता रहेगा |
तेरा दर्द-ए-दिल निकलता रहेगा ||

मिले है मिलेंगे दो दिल दीवाने |
जमाना यूँ ही हाथ मलता रहेगा ||

मेरा दिल दीवाना बन के तमन्ना |
तेरी बाजुओं में मचलता रहेगा ||

करोगे जो वादे निभा ना सकोगे |
बहनों में दम यूँ ही घुटता रहेगा ||

लगा के इन्सान चहरे पे चेहरे |
दुनियाँ को यूँ ही छलता रहेगा ||

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