मंगलवार, 19 जनवरी 2010

राज रिश्तों का

राज रिश्तों का अब खोला जाये |
दोस्त को दोस्त ही बोला जाये ||

जिंदगी तुझ को जीने के लिए |
टूटी उम्मीदों को टटोला जाए ||

कौन अपना है कौन बेगाना |
वक्त के तराजू पे तोला जाए ||

दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||

नजाकत हुश्न की भी समझलो |
फिर किसी का दिल टटोला जाए ||

19 टिप्‍पणियां:

Urmi ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने! हर एक पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी ! इस लाजवाब और बेहतरीन रचना के लिए बधाई!

प्रकाश पाखी ने कहा…

बेहतरीन शेर निकाले है आपने..!एक से बढ़कर एक है..

जिंदगी तुझ को जीने के लिए |
टूटी उम्मीदों को टटोला जाए ||

विशेष रूप से अच्छा लगा...
बधाई!

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

wah wah singh saab...
kya bindaas baat keh di aapne...

aapki is uttam prastuti ke liye...
achey achey comments ka pitaara khola jaaye!!

aafareen!

mulhid!

Amrendra Nath Tripathi ने कहा…

साहब !
और मजाव होता तो और मजा
आता ... भाव अच्छे है ... आभार ,,,

Apanatva ने कहा…

sabhee panktiya acchee lagee sivay inke.....
दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
mere vicharo me jhoot kee buniyad par rakha rishta tik nahee sakataa....

shama ने कहा…

दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
Ekdam sahee kaha aapne!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जिंदगी तुझ को जीने के लिए |
टूटी उम्मीदों को टटोला जाए ||

कौन अपना है कौन बेगाना |
वक्त के तराजू पे तोला जाए ...

कमाल की बात कही है .......... वक़्त के तराजू पर सब कुछ सॉफ हो जाता है ............ कौन अपना है कौन पराया .... उम्दा ग़ज़ल है

मनोज कुमार ने कहा…

वैचारिक ताजगी लिए हुए रचना विलक्षण है।

Udan Tashtari ने कहा…

दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||

क्या बात कही है, बहुत खूब!!

my blog ने कहा…

वाह सिंह साहब
नए विचारों के साथ उम्दा रचना
दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
सच कहा अपने एसी बात जिससे दो मिल जाये
वो हजारों सच कुर्बान ....
बधाई स्वीकारें

Unknown ने कहा…

kaon apna kaon begana,
waqt ke tarazoo pe tola jai

kitna khoobsurat khayal,
lekin aaj ki haqiqat ye hai ki
apno me main begana

phir ek baar kosis kar lete hain
rachna sundar hai, aur bahut hi asardar
sukriya kabool kare

Unknown ने कहा…

पी सिंह जी
अभी अभी मैंने नेट खोला तो आप की नयी
पोस्ट दिखी पढ़ कर दिल खुश हो गया
बेहतरीन ग़ज़ल

श्याम जुनेजा ने कहा…

वाह बंधू बहुत सुन्दर ..
"राज रिश्तों का अब खोला जाये
दोस्त को दोस्त ही बोला जाये"
सची बात है.. जिस रिश्ते में 'ईमानदार दोस्ती' नहीं वह रिश्ता रिश्ता नहीं कूड़ा है
"इश्क" पर टिपण्णी के लिए आपका तहेदिल से शुक्रिया

Prem Farukhabadi ने कहा…

दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
बहुत खूब!!

Urmi ने कहा…

आपको और आपके परिवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन की हार्दिक शुभकामनायें!

बेनामी ने कहा…

बहुत खूब.

Unknown ने कहा…

gazab ka sher hai sir
नजाकत हुश्न की भी समझलो |
फिर किसी का दिल टटोला जाए ||
thanks

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत खूब!!

Smart Indian ने कहा…

बहुत अच्छे!

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