राज रिश्तों का अब खोला जाये |
दोस्त को दोस्त ही बोला जाये ||
जिंदगी तुझ को जीने के लिए |
टूटी उम्मीदों को टटोला जाए ||
कौन अपना है कौन बेगाना |
वक्त के तराजू पे तोला जाए ||
दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
नजाकत हुश्न की भी समझलो |
फिर किसी का दिल टटोला जाए ||
19 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने! हर एक पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी ! इस लाजवाब और बेहतरीन रचना के लिए बधाई!
बेहतरीन शेर निकाले है आपने..!एक से बढ़कर एक है..
जिंदगी तुझ को जीने के लिए |
टूटी उम्मीदों को टटोला जाए ||
विशेष रूप से अच्छा लगा...
बधाई!
wah wah singh saab...
kya bindaas baat keh di aapne...
aapki is uttam prastuti ke liye...
achey achey comments ka pitaara khola jaaye!!
aafareen!
mulhid!
साहब !
और मजाव होता तो और मजा
आता ... भाव अच्छे है ... आभार ,,,
sabhee panktiya acchee lagee sivay inke.....
दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
mere vicharo me jhoot kee buniyad par rakha rishta tik nahee sakataa....
दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
Ekdam sahee kaha aapne!
जिंदगी तुझ को जीने के लिए |
टूटी उम्मीदों को टटोला जाए ||
कौन अपना है कौन बेगाना |
वक्त के तराजू पे तोला जाए ...
कमाल की बात कही है .......... वक़्त के तराजू पर सब कुछ सॉफ हो जाता है ............ कौन अपना है कौन पराया .... उम्दा ग़ज़ल है
वैचारिक ताजगी लिए हुए रचना विलक्षण है।
दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
क्या बात कही है, बहुत खूब!!
वाह सिंह साहब
नए विचारों के साथ उम्दा रचना
दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
सच कहा अपने एसी बात जिससे दो मिल जाये
वो हजारों सच कुर्बान ....
बधाई स्वीकारें
kaon apna kaon begana,
waqt ke tarazoo pe tola jai
kitna khoobsurat khayal,
lekin aaj ki haqiqat ye hai ki
apno me main begana
phir ek baar kosis kar lete hain
rachna sundar hai, aur bahut hi asardar
sukriya kabool kare
पी सिंह जी
अभी अभी मैंने नेट खोला तो आप की नयी
पोस्ट दिखी पढ़ कर दिल खुश हो गया
बेहतरीन ग़ज़ल
वाह बंधू बहुत सुन्दर ..
"राज रिश्तों का अब खोला जाये
दोस्त को दोस्त ही बोला जाये"
सची बात है.. जिस रिश्ते में 'ईमानदार दोस्ती' नहीं वह रिश्ता रिश्ता नहीं कूड़ा है
"इश्क" पर टिपण्णी के लिए आपका तहेदिल से शुक्रिया
दिलों की दूरियां मिटाने के लिए |
सच तो सच झूठ भी बोला जाए ||
बहुत खूब!!
आपको और आपके परिवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत खूब.
gazab ka sher hai sir
नजाकत हुश्न की भी समझलो |
फिर किसी का दिल टटोला जाए ||
thanks
बहुत खूब!!
बहुत अच्छे!
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