बहुत अनजान है राहें मगर चलना जरुरी है |
इश्क में बंदिशे लाखों मगर मिलना जरुरी है ||
बड़े बे पीर है चाहत के किस्से और क्या कह दें |
प्यार का नाम जो भी हो मगर करना जरुरी है ||
रिश्तों का टूटना जुड़ना है वक्त के हाथों |
प्यार के लेप से दरारें मगर भरना जरुरी है ||
बात कहने से दिल को सुकूँ मिलता है लेकिन |
बात को कहने से पहले मगर सुनना जरुरी है ||
लाखों मिट गए चाहत के इस गुमनाम दरिया में |
वक्त के साथ इंसां को संभल जाना जरुरी है ||
"पुष्पेन्द्र"अकेला ही दुनियां बदल सकता है लेकिन |
काफिला साथ में यारो मगर होना जरुरी है ||
24 टिप्पणियां:
लाखों मिट गए चाहत के इस गुमनाम दरिया में |
वक्त के साथ इंसां को संभल जाना जरुरी है ||
बहुत खूबसूरत ......पंक्तियाँ ......वैसे तो पूरी कविता भावपूर्ण है
बात कहने से दिल को सुकूँ मिलता है लेकिन |
बात को कहने से पहले मगर सुनना जरुरी है ||
बिल्कुल सही बात है कि बात कहने के यदि पहले नहीं तो साथ-साथ सुनना भी ज़रूरी है। पर आजकल तो लोग टिप्पणी का आप्शन ही बंद कर देते हैं।
बात कहने से दिल को सुकूँ मिलता है लेकिन |
बात को कहने से पहले मगर सुनना जरुरी है ||
बहुत सुन्दर गज़ल. बधाई.
बात कहने से दिल को सुकूँ मिलता है लेकिन |
बात को कहने से पहले मगर सुनना जरुरी है ||
क्या बात कही है....दिल को छू गयी.
रिश्तों का टूटना जुड़ना है वक्त के हाथों |
प्यार के लेप से दरारें मगर भरना जरुरी है ||
sampoorn ghazal sarahneey hai. Badhai!
बात कहने से दिल को सुकूँ मिलता है लेकिन |
बात को कहने से पहले मगर सुनना जरुरी है ||
bahut hi badhiyaa
रिश्तों का टूटना जुड़ना है वक्त के हाथों |
प्यार के लेप से दरारें मगर भरना जरुरी है |
बात कहने से दिल को सुकूँ मिलता है लेकिन |
बात को कहने से पहले मगर सुनना जरुरी है ||
लाजवाब गज़ल है हर शेर सेर के उपर सवा सेर है बधाई इस गज़ल के लिये।
अच्छी गज़ल..बधाई.
main aapke kaafile ke saath ho bhai ji
"प्यार के लेप से दरारें मगर भरना जरुरी है"- बहुत बढ़िया मिस्रा पुष्पेन्द्र जी। मगर मैं आदत से मजबूर मीन-मेख निकालूंगा कि आपने लेबल में "ग़ज़ल" लिख कर इस रचना को ग़ज़ल की संज्ञा दी है जो अनुचित है।
बहरो-वजन तो दूर की बात काफ़ियों का भी निर्वहन ठीक ढ़ंग से नहीं हुआ है।
achchi rachna.
रिश्तों का टूटना जुड़ना है वक्त के हाथों |
प्यार के लेप से दरारें मगर भरना जरुरी है |
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! बधाई!
bahut hi sunder bhavnao ki abhivyakti di hai ..
badhai !
लाखों मिट गए चाहत के इस गुमनाम दरिया में |
वक्त के साथ इंसां को संभल जाना जरुरी है ||
बेहद बढिय़ा
बड़े बे पीर है चाहत के किस्से और क्या कह दें |
प्यार का नाम जो भी हो मगर करना जरुरी है ||
वहुत अच्छे मिसरे निकाले है...
गौतम भाई के सुझाव विचारणीय है..
रिश्तों का टूटना जुड़ना है वक्त के हाथों |
प्यार के लेप से दरारें मगर भरना जरुरी है ||
-बेहद सुन्दर लिखा है.
bahoot anjaan hai raahe achha laga
रिश्तों का टूटना जुड़ना है वक्त के हाथों
प्यार के लेप से दरारें मगर भरना जरुरी है ...
सच है अगर प्यार की एक लम्हा भी टूटते हुवे रिश्तों को मिल जाए तो सकूँ आ जाता है ...
बहुत अच्छा लिखा है अपने .......
इसीलिए तो कहा गया है की प्यार बाँटते चलो|
राजरिशी साब की बात अपनी जगह.........ठीक सलाह दी है उन्होंने.....तुम्हें ग़ज़ल लिखते समय यह व्याकरण तो ध्यान देना ही होगा........लेकिन मैं राजरिशी साहब जितनी कठोर टिप्पणी नहीं करूंगा........अभी नए नए मैदान में आये हो तो ऐसी भूलें स्वाभाविक हैं......लेकिन मेहनत करो कोई एक दिन में शायर नहीं हो जाता ....बहरहाल ख्याल सुन्दर हैं.........!
सिंह साहब
इस गजल को पढ़कर सिर्फ
वाह वाह ही निकल रहा है
हर शेर पर वाह वाह ........
शुक्रिया .................
बड़े बे पीर है चाहत के किस्से और क्या कह दें |
प्यार का नाम जो भी हो मगर करना जरुरी है ||
बात कहने से दिल को सुकूँ मिलता है लेकिन |
बात को कहने से पहले मगर सुनना जरुरी है ||bahut laazwaab baate kah daali ,ekdam sach
बहुत खूब कहा जनाब.........
बड़े बे पीर है चाहत के किस्से और क्या कह दें |
प्यार का नाम जो भी हो मगर करना जरुरी है ||
बगैर प्यार के जिंदगी क्या..............
निशब्द ................
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