दिल का बोझ हटाना होगा |
सब को गले लगाना होगा ||
तोड़ के रिश्ते देख लिया जो |
कीमत वही चुकाना होगा ||
किसने दी है दिल को दस्तक |
कोई जख्म पुराना होगा ||
आओ तोड़ें चाँद सितारे |
बच्चों को बहलाना होगा ||
हर कंधे पर उम्मीदें है |
करके कुछ दिखलाना होगा ||
बातें करना प्यार वफ़ा की |
गुजरा हुआ जमाना होगा ||
14 टिप्पणियां:
bahut hi accha likha hai apne
छोटे बहर में लिखी बहुत अच्छी ग़ज़ल।
किसने दी है दिल को दस्तक |
कोई जख्म पुराना होगा ||
किसने दी है दिल को दस्तक |
कोई जख्म पुराना होगा |
khubsurat gajal achhi lagi badhai
अत्यंत ही सुंदर रचना ।।
बधाई स्वीकारेँ....।।
दीपावली की शुभकामनाओँ सहित...
तरुणराज गोस्वामी ,,
दिल का बोझ हटाना होगा |सब को गले लगाना होगा || पॉजिटिव सोच के साथ बढिय़ा पोस्ट।
बहुत दिनों के बाद आपकी रचना पढने को मिली..और क्या दुरुस्त आये हैं आप..
बेहतरीन ग़ज़ल ....
कभी कभी....
आओ तोड़ें चाँद सितारे |
बच्चों को बहलाना होगा ||
बहुत सुन्दर. सचमुच बहुत दिनों के बाद दिखे हैं आप.
किसने दी है दिल को दस्तक |
कोई जख्म पुराना होगा ||
बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन रचना ...
pushpendra bhai...aajkal aa nahi rahy ho hamare ghar aap...kya baat hai agar koi gustaakhi ho to maaf karna bhai...
khoobsurat prastuti...
happy diwali to you and your family.
मक्ते के शेर के अलावा बाकी सभी शेर बहुत अच्छे हैं। यह मेरे पसंद की बात है, मैं गलत भी हो सकता हूँ।
...दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं...
आप को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
मैं आपके -शारीरिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली की कामना करता हूँ
वाह पिंटू बेटा........दिल जीत लिया....!!!!!!
इधर कम लिख रहे हो कारण तो नहीं पता मगर लिखते रहो...!
इन दो शेरोंकी जितनी तारीफ की जाये कम है..........
आओ तोड़ें चाँद सितारे |
बच्चों को बहलाना होगा ||
और
हर कंधे पर उम्मीदें है |
करके कुछ दिखलाना होगा ||
बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन रचना ...
aapne chhote behar mai bahhut sundar likha aur bahut kuchh keh diya hai bhai mere..
bahut bahut mubarak ho
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