सिलसिला इश्क यूँ ही चलने दो |
लोग जलते है जलें जलने दो ||
लोग जलते है जलें जलने दो ||
लूट कर ले गए वो ख्वाब सभी |
बातों बातों में रात ढलने दो ||
बातों बातों में रात ढलने दो ||
फिर संभल जाएगी हर बहर अपनी |
उनके होठों की गजल बनने दो ||
उनके होठों की गजल बनने दो ||
दिल का मिलना तो दूजी बात है |
पहले हाथों से हाथ मिलने दो ||
(और यह शेर मैने अपने बड़े भइया परम आदर्णीय "पवन जी" के लिए लिखा है )
बस यही इल्तजा रही उनसे |
अपने पैरों की धूल बनने दो ||
अपने पैरों की धूल बनने दो ||
15 टिप्पणियां:
Good one...
बहुत गहरी अभिव्यक्ति है...
बहुत बढ़िया.
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
लूट कर ले गए वो ख्वाब सभी |
बातों बातों में रात ढलने दो ||
Wah!
दिल का मिलना तो दूजी बात है |
पहले हाथों से हाथ मिलने दो ||
......bahut khoob!
Dil ke gahrayee mein doobkar likhi umda rachna
shubhkamna.
कविवर सिंह साब!
धन्य हैं आप!
वाह! वाह! वाह! (तीनों आपके लिए....)
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तफरीह करने का मूड हो तो देखिये....
फिल्लौर फ़िल्म फेस्टिवल!!!!!
मस्त हॆ भाई आज शायद इसी की जरूरत थी
पिंटू ....बेटे बेहतरीन ग़ज़ल कह डाली.....
सिलसिला इश्क यूँ ही चलने दो |
लोग जलते है जलें जलने दो ||
अब तो धीएरे धीरे काफी रवानगी आ गयी है तुम्हारी गजलों में..
लूट कर ले गए वो ख्वाब सभी |
बातों बातों में रात ढलने दो ||
बहुत सुन्दर.....!
फिर संभल जाएगी हर बहर अपनी |
उनके होठों की गजल बनने दो ||
नया प्रयोग किया जी.....मजेदार !
दिल का मिलना तो दूजी बात है |
पहले हाथों से हाथ मिलने दो ||
क्या बात है....वाह वाह....पहले हाथों से हाथ मिलने दो !
बस यही इल्तजा रही उनसे |
अपने पैरों की धूल बनने दो ||
और ये शेर हमारा हुआ......शुभकामनाएं....ऐसे ही लिखते रहो....!
bahut badiya ghazal...
Meri Nayi Kavita Padne Ke Liye Blog Par Swaagat hai aapka......
A Silent Silence : Ye Paisa..
Banned Area News : Sitting down for hours could invite cardiac disaster
फिर संभल जाएगी हर बहर अपनी |
उनके होठों की गजल बनने दो ||
वाह ,अति सुन्दर!!!!
bhut khoob likha hai sir apne
बेहद उम्दा...
bhai..navrati to beet gayi hai..
सुंदर गज़ल है।
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