शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

ऊँचे ओहदे दुनियां पीछे.....

ऊँचे ओहदे दुनियां पीछे |
ऑंखें मीचे आँखे मीचे ||

पैसे में है सारी ताकत ||

कौन है ऊपर कौन है नीचे ||

फर्क अमीरी और गरीबी |

एक चांदनी एक गलीचे ||

फूटी कौड़ी पास नहीं है |

जीवन काटा मुटठी भीचे ||

अपनी किस्मत में है बंजर |

तुम्हे मुबारक बाग बगीचे ||

2 टिप्‍पणियां:

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

अपनी किस्मत में है बंजर |
तुम्हे मुबारक बाग बगीचे ||
वाह! बहुत बढ़िया...
हार्दिक बधाई..

दिगम्बर नासवा ने कहा…

bahut khoob ... lajawaab gazal hai .. har sher maayaab ...

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