वक़्त की चाल कुछ बदली हुई है |
हर तरफ वर्फ सी पिघली हुई है ||
वो क्या हसीं मंजर है सोचो |
अँधेरी रात में चाँदनी पिघली हुई है ||
जरा तू बंद करके देख आँखें |
वही तस्वीर, पर धुंधली हुई है ||
भले ही इश्क से तौबा करली |
तमन्ना आज भी मचली हुई है ||
तुम को पा कर ये जाना |
मेरी किस्मत तो संभली हुई है ||